पहली बार...
पहली बार जब उनसे मेरी तन्हाई में बात हुई
मेरे दिल के हर कोने में फूलों की बरसात हुई |
उनके होठों पर मचली तो वो सिर्फ़ इक मुस्कान ही थी
लेकिन मुझ तक आते आते फूलों की सौगात हुई |
चाँद, सितारे जुगनू उसको सुनते थे मुस्काते थे
शब् भर आंखों ही आंखों से जिस भाषा में बात हुई |
और कोई पहचान मेरी तो इश्क में बाकी है ही नहीं
दिल ही मज़हब और दिल ही मेरी जात हुई |
यादों का आलम न पूछो, ख़ुद में जज्ब हुए हम यूं
धड़कन को भी याद नहीं कब रात हुई प्रभात हुई |
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