Tuesday, December 22, 2009

Nice Hindi love poem : कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है

कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है


कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है .................

वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है ...........

यही दुनिया है तो फिर ऐसी दुनिया क्यों है ........

यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है ........

कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है.......

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एक जरा हाथ बढा दे तो पकड़ लें दामन .....

उसके सीने में समां जाये हमारी धड़कन ........

इतनी कुर्बत है तो फिर ... फासला इतना क्यों है ............

कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है.....
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दिल - इ - बर्बाद से निकला नहीं आब तक कोई ......

एक लुटे घर पर दिया करता नहीं दस्तक कोई .............

आस जो टूट गयी ............ फिर से बंधता क्यों है ........

कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है .........
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तुम हसरत का कहो या इसे गम का रिश्ता ...........

कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता ........

है जनम का ये रिश्ता तो ये बदलता क्यों है .............


कोई ये कैसे बताये कि वो तनहा क्यों है ..........

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